Learning Sanskrit by Fresh Approach – Lesson 22
In the last lesson we studied prefixes, उपसर्गाः which was in a way a study of word-building. Here is an interesting श्लोकः on how we know which pronoun सर्वनाम or adjective विशेषणम् qualifies which noun नाम. The नाम, which is qualified is called as विशेष्यम्. Actually सर्वनामानि have also the quality of विशेषणानि . This श्लोकः speaks of the relationship between विशेष्यम् and विशेषणम् .
यल्लिङ्गं यद्वचनं या च विभक्तिर्विशेष्यस्य
तल्लिङ्गं तद्वचनं सा च विभक्तिर्विशेषणस्यापि
१. संधिविच्छेदान् कृत्वा सामासिक -शब्दानां पदानि च दर्शयित्वा
यत् लिङ्गम् यत् वचनम् या च विभक्तिः विशेष्यस्य
तत् लिङ्गम् तत् वचनम् सा च विभक्तिः विशेषणस्य अपि
२. समासानां विग्रहाः
न एकः अपि सामासिक -शब्दः अस्मिन् श्लोके !
३. संज्ञानां विश्लेषणम्
अनुक्र. | संज्ञा | मूल -संज्ञा | संज्ञायाः
प्रकारः |
लिङ्गम् | विभक्तिः | वचनम् | शब्दार्थः |
१ | यत् | यत् | सर्वनाम | नपुं. | प्रथमा | एक | what |
२ | लिङ्गम् | लिङ्ग | सामान्यनाम | नपुं | प्रथमा | एक | gender |
३ | वचनम् | वचन | सामान्यनाम | नपुं | प्रथमा | एक | number |
४ | या | यत् | सर्वनाम | स्त्री | प्रथमा | एक | what |
५ | विभक्तिः | विभक्ति | सामान्यनाम | स्त्री | प्रथमा | एक | case |
६ | विशेष्यस्य | विशेष्य | सामान्यनाम | पु | प्रथमा | एक | of the qualified noun |
७ | तत् | तत् | सर्वनाम | नपु | प्रथमा | एक | that |
८ | सा | तत् | सर्वनाम | स्त्री | प्रथमा | एक | that |
९ | विशेषणस्य | विशेषण | सामान्यनाम | नपुं | प्रथमा | एक | of adjective |
४. क्रियापदानां धातुसाधितानां च विश्लेषणम्
विशेष्य is यत्-कृदन्त from धातु वि+शिष्
Note, विशिष् 7 P. 1 To particularize, individualize, specify, define. -2 To distinguish, discriminate. -3 To aggravate, heighten, enhance, intensify; पुनरकाण्डविवर्तनदारुणो विधिरहो विशिनष्टि मनोरुजम् Māl.4.7; U.4.15. -4 To surpass, excel; विशेषको वा विशिशेष यस्याः श्रियं त्रिलोकीतिलकः स एव Śi.3.63. -Pass. 1 To be different from; स्वदेहान्न व्यशिष्यत R.17.62. -2 To be better or higher than, surpass, excel, be preferable or superior to (often with abl.); तस्माद् दुर्गं विशिष्यते H.3.5; Mv.7.39; मौनात् सत्यं विशिष्यते Ms.2.83;3.23; (also with instr. and gen.); सर्वेषामेव दानानां ब्रह्मदानं विशिष्यते Ms.4.233. -Caus. 1 To distinguish, particularize. -2 To surpass, excel; मदनमपि गुणैर्विशेषयन्ती Mk.4.4; M.3.5.
५. वाक्यानां विश्लेषणम्
There is no adverb here. So, we shall do analysis in a shorter table.
न एकमपि क्रियाविशेषणम् अतः संक्षेपेण विश्लेषणम् कुर्मः ।
अनुक्र. | कर्तृपदस्य
विस्तारः |
कर्तृपदं | पूरकं | इतराणि
अव्ययानि |
क्रियापदम् |
१ | यत् विशेष्यस्य | लिङ्गम् | (अस्ति) | ||
२ | यत् (विशेष्यस्य) | वचनम् | (अस्ति) | ||
३ | या (विशेष्यस्य) | विभक्तिः | च | (अस्ति) | |
४ | तत् विशेषणस्य | लिङ्गम् | अपि | (भवति) | |
५ | तत् (विशेषणस्य) | वचनम् | (भवति) | ||
६ | सा (विशेषणस्य) | विभक्तिः | (भवति) |
६. अन्वयः अनुवादः च
अनुक्र. | अन्वयः | अनुवादः |
१ | यत् विशेष्यस्य लिङ्गम् (अस्ति) | what gender is of the qualified noun |
२ | यत् विशेष्यस्य वचनम् (अस्ति) | what number is of the qualified noun |
३ | या विशेष्यस्य विभक्तिः च (अस्ति) | what case is of the qualified noun |
४ | तत् लिङ्गम् विशेषणस्य अपि (अस्ति) | that case of the adjective also |
५ | तत् वचनम् विशेषणस्य (अपि) (अस्ति) | that number if of the adjective also |
६ | सा विभक्तिः (च) विशेषणस्य अपि (अस्ति) | that case is of the adjective also |
७. टिप्पणयः
This rule of लिङ्गम् and वचनम् and विभक्तिः of adjective and qualified noun to be same
brings total flexibility from syntax.
This is one reason why poetry is a very common feature of Sanskrit literature.
One may also study YouTube video on this verse at <https://youtu.be/FdajxvOuNdI>
शुभमस्तु !
-o-O-o-